Wednesday, April 25, 2012


(ज्ञान पत्र )


गुरु और शिक्षक 


शिक्षक आपके विकास की जिम्मेदारी लेते हैं|
गुरु आपको आपके स्वयं के विकास के लिए जिम्मेदार बनाते हैं|

शिक्षक आपको वह सब देते हैं जो आपको जरुरत है और आपके पास नहीं है|
गुरु आपसे वह सब ले लेते हैं जो आपके पास है और आपको नहीं चाहिए|

शिक्षक आपके सवालों के जवाब देते हैं|
गुरु आपके उत्तरों पर सवाल करते हैं|

शिक्षक आपको उलझनों से बाहर निकालते हैं|
गुरु उलझनों को खत्म कर देते हैं|

शिक्षक को छात्र से आज्ञाकारी होने और अनुशाषित होने की चाहत होती है|
गुरु को अपने अनुयायी से विश्वास और विनम्रता की चाहत होती है|

शिक्षक आपको बाहरी दुनिया की यात्रा के लिए तैयार करते हैं|
गुरु आपकी शंकाओं और दुविधाओं का निवारण करके आपके मन को खाली करते हुए आपको आतंरिक यात्रा के लिए तैयार करते हैं|

शिक्षक आपके मार्गदर्शक हैं|
गुरु आपके मार्ग के दिशा चिन्ह हैं|

शिक्षक आपको सफलता की सड़क पर भेज देते हैं|
गुरु आपको स्वतंत्रता के मार्ग पर भेज देते हैं|

शिक्षक आपको दुनिया और उसकी प्रकृति का ज्ञान देते हैं|
गुरु आपको आपकी स्वयं की प्रकृति का ज्ञान देते हैं|

एक शिक्षक आपको दुनिया में रहन सहन का ज्ञान देते हैं|
एक गुरु आपको दुनिया में अपने आप के आकलन का ज्ञान देते हैं|

शिक्षक आपको ज्ञान देकर आपके अहं को बढ़ावा देते हैं|
गुरु आपके ज्ञान को लेकर आपके अहं को खत्म कर देते हैं|

शिक्षक आपको निर्देश देते हैं|
गुरु आपका निर्माण करते हैं|

शिक्षक आपके दिमाग को पैना बनाते हैं|
गुरु आपके दिमाग को खोल देते हैं|

शिक्षक आपको समृद्धि का रास्ता दिखाते हैं|
गुरु आपको शांति का रास्ता दिखाते हैं|

शिक्षक आपके दिमाग पर प्रभाव डालते हैं|
गुरु आपकी आत्मा पर प्रभाव डालते हैं|

शिक्षक आपको ज्ञान देते हैं|
गुरु आपको बुद्धिमान बनाते हैं|

शिक्षक आपको परिपक्व बनाते हैं|
गुरु आपको आपकी मासूमियत लौटाते हैं|

शिक्षक आपको समस्याओं का हल करने के लिए निर्देश देते हैं|
गुरु आपको मुद्दों को सुलझाने का रास्ता दिखाते हैं|

शिक्षक एक व्यवस्थित विचारक होते हैं|
गुरु आपके पार्श्विक विचारक होते हैं|

शिक्षक आपको छड़ी से दण्डित करते हैं|
गुरु आपको करुणा से सजा देते हैं|

एक शिक्षक अपने शिष्य के लिए उसके पिता के समान हैं|
एक गुरु अपने शिष्य के लिए उसकी माता के समान हैं|

शिक्षक आपको मिल जायेंगे|
परन्तु एक गुरु को आपको ढूंढकर अपनाने की आवश्यकता है|

शिक्षक आपको ऊँगली पकड़कर मार्ग पर चलना सिखाते हैं|
गुरु आपको उदाहरणों के द्वारा आपका मार्गदर्शन करते हैं|

जब आप स्नातक हो जाते हो तब शिक्षक का काम खत्म हो जाता है|
जब आप उत्सव मनाना सीख जाते हो तब गुरु का काम खत्म हो जाता है|

जब पाठ्यक्रम खत्म हो जाता है तब आप शिक्षक के प्रति आभारी होते हैं|
जब प्रवचन खत्म होते हैं तब हम गुरु के प्रति कृतज्ञ होतें हैं|

(Adopted from Art of Living )

No comments: